कॉमेडियन मुन्नवर फारूकी की जमानत याचिका खरिज, धार्मिक भावना आहत करने का आरोप

Update: 2021-01-28 14:22 GMT

इंदौर। हिन्दू देवी-देवताओं पर हास्य व्यंग्य के नाम पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार 'स्टैंडअप कॉमेडियन' मुन्ननवर फारूकी की जमानत याचिका हाईकोर्ट की इंदौर बैंच ने भी खारिज कर दी। मामले में आरोपितों की ओर से पैरवी राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अभिभाषक विवेक तन्खा ने की, जबकि शासन की ओर से लोक अभियोजक अमित सिसोदिया ने पक्ष रखा।

गौरतलब है कि गत एक जनवरी को इंदौर में आयोजित स्टैंडअप कॉमेडी के एक शो में प्रदर्शन करने आये मुन्नवर फारुकी को तुकोगंज थाना पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं की शिकायत पर गिरफ्तार किया था और उनके खिलाफ पुलिस ने हास्य व्यंग्य के जरिये धार्मिक भावनाओं को आहत करने, प्रभावशाली व्यक्तियों के आपत्तिजनक टिप्पणी करने की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था। इसी प्रकरण में अन्य चार आयोजकों को भी गिरफ्तार किया गया था। इन आरोपितों में से मुन्नवर और नलिन यादव की जमानत अर्जी निचली अदालत और सत्र न्यायालय से खारिज होने के बाद दोनों ने उच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी।

लोक अभियोजक अमित सिसोदिया ने बताया कि उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में गत 25 जनवरी को सुनवाई हुई थी, जिसमें न्यायाधीश रोहित आर्य की एकलपीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाया। जिसमें कहा गया है कि प्रकरण में जांच जारी है। लिहाजा गुण-दोष के आधार पर फिलहाल निष्कर्ष नहीं निकाला जा रहा है, लेकिन प्रथम दृष्टया दोनों आवेदकों के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप सही दिखाई देते हैं। ऐसी परिस्थिति में आवेदकों को जमानत नहीं दी जा सकती है।

फैसले के साथ ही अदालत ने यह टिप्पणी भी की है कि हमारा देश बेहद खूबसूरत है, विविध संस्कृति, भाषा, धार्मिक मान्यताए और भौगोलिक विविधता का सुंदर ताना बाना है। हमारा संविधान जहां हम नागरिकों को कई अधिकार देता है, वहीं हम नागरिकों के कई संवैधानिक दायित्व भी है। प्रदत्त अधिकारों और कर्तव्यों के बीच संतुलन रख हम इस विविधता को संरक्षित रखें, किसी की भावनाओं को आहत नहीं करें।

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